कैंसर को दुनिया भर में सर्वाधिक कष्टकारी रोग माना जाता है। यह शरीर के अनेक भागों में होता है। शरीर के जिस भाग में होता है, उसको खराब कर देता है। हमारे दैनिक खानपान में मसाले की श्रेणी में शामिल जीरा इस रोग में दवा का काम करता है। भोजन को पाचक बनाने वाला जीरा सेवनकत्र्ता को गैस मुक्त भी करता है। भारतीय रसोई घरों में सब्जियों में तड़का लगाने के लिए बहुतायत में प्रयोग होने वाले जीरे में कैंसर की रोकथाम करने की शक्ति है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जीरे में ‘करक्यूमिन एंजाइम’ रहता है जो कैंसर के ट्यूमर को नई रक्त शिराओं का विकास करने से रोकता है।-Date: 3/5/2012 6:46:16 AM, Punjab Kesri
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Monday, 5 March 2012
Saturday, 3 March 2012
विटामिन की एक गोली खाइये और त्वचा के कैंसर से बचिये!
लंदन: वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि आप त्वचा के कैंसर से बच कर रहना चाहते हैं तो रोज विटामिन की एक गोली लेने से ऐसा संभव हो सकता है। एक नये अध्ययन में यह बात सामने आई है कि रोज विटामिन ए की खुराक लेने से त्वचा के कैंसर के सबसे भीषण स्वरूप ‘मेलानोमा’ को दूर रखा जा सकता है।
डेली मेल में छपी खबर के अनुसार, विटामिन ए का प्रमुख तत्व ‘रेटिनोल’ खासतौर पर महिलाओं को इस बीमारी से बचा सकता है। हालांकि इस अध्ययन में यह भी साफ किया गया है कि इसका संबंध विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, अंडे और दूध से नहीं है।‘कैसर परमानेंट नार्दन कैलिफोर्निया डिवीजन ऑफ रिसर्च’ ने ऐसे 70 हजार लोगों का अध्ययन किया जो अपने खाने में विटामिन ए लेते थे।
इसमें पाया गया कि विटामिन ए लेने वाले लोगों को त्वचा का कैंसर होने की संभावना 60 प्रतिशत तक कम होती है। साथ ही जो लोग एक दिन में इस विटामिन की 1200 मिलीग्राम खुराक ले रहे थे उनको त्वचा के कैंसर की 74 प्रतिशत तक कम संभावना होती है।-Date: 3/2/2012 3:38:11 PM, Punjab Kesri
Friday, 24 February 2012
स्तन कैंसर का नया जीन खोजा
वाशिंगटन : वैज्ञानिकों ने एक नए जीन को खोजा है जो स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके इस अनुसंधान का परिणाम मरीजों को यह जानने में मदद कर सकता है कि उनमें कैंसर के विकसित होने का कितना खतरा है।
फिनलैंड में हुए एक नए अनुसंधान में वैज्ञानिकों ने पाया है कि ‘एब्राक्सास’ नामक उत्परिवर्तित जीन स्तन कैंसर को अनुवांशिक बनाने के लिए जिम्मेदार है।-24/2/2012 4:41:24 AM, PK
फिनलैंड में हुए एक नए अनुसंधान में वैज्ञानिकों ने पाया है कि ‘एब्राक्सास’ नामक उत्परिवर्तित जीन स्तन कैंसर को अनुवांशिक बनाने के लिए जिम्मेदार है।-24/2/2012 4:41:24 AM, PK
Wednesday, 8 February 2012
अंगूर का अर्क लड़ेगा ब्लड कैंसर से
ब्लड कैंसर के इलाज की दिशा में अच्छी खबर है। नई रिसर्च के मुताबिक अंगूर का अर्क ब्लड कैंसर के लिए जिम्मेदार ल्यूकेमिया सेल्स को मरने के लिए मजबूर कर देता है। यूनिवर्सिटी ऑफ केंटुकी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि इस अर्क के इस्तेमाल के 24 घंटे के भीतर ही ल्यूकेमिया की 76 फीसदी कोशिकाएं मर जाती हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि अंगूर का यह अर्क जेएनके को सक्रिय कर देता है। जेएनके एक ऐसा प्रोटीन है जो सेल की मौत की प्रक्रिया को संचालित करता है।
हालांकि अंगूर के अर्क ने इसके पहले त्वचा, स्तन, आंत, फेफड़ा, पेट व प्रोस्टेटग्रंथि के कैंसरों सहित कई सारे प्रयोगशाला कैंसर सेल में अपना असर दिखाया था, लेकिन इस अर्क का ब्लड संबंधी कैंसर में कभी भी परीक्षण नहीं किया गया था। इस शोध पत्र के सह लेखक, ब्रिटेन में ग्रैजुएट सेंटर फॉर टॉक्सिकोलॉजी के प्रफेसर जियांगलिन शाइ ने कहा कि पहले के ये नतीजे ब्लड संबंधी कैंसर को रोकने या उसके इलाज में अंगूर के अर्क जैसे एजेंट्स के इस्तेमाल के लिए उलझनें पैदा कर सकते हैं।
हर व्यक्ति एक ऐसा रासायनिक एजेंट चाहता है, जो कैंसर कोशिका पर तो प्रभावी हो लेकिन सामान्य कोशिका को मुक्त छोड़ दे। इस लिहाज से यह स्पष्ट है कि अंगूर का अर्क इस कैटिगरी के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। वर्ष 2006 में अमेरिका में ल्यूकेमिया, लिम्फोमा व मायलोमा जैसे ब्लड संबंधी कैंसर के कुल 1,18,310 नए मामले सामने आए। इनमें से 54,000 मामलों में रोगियों की मौत हो गई। स्त्रोत : नव भारत टाइम्स, ०१.०१.२००९
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