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Tuesday 6 March 2012

फायदे आल्मंड ऑयल के

*बादाम तेल का इस्तेमाल बाहर से किया जाए या फिर इसका सेवन किया जाए, यह हर लिहाज से उपचारी और उपयोगी साबित होता है।

*हर रोज रात को 250 मि.ग्रा. गुनगुने दूध में 5-10 मि.ली. बादाम का तेल मिलाकर सेवन करना लाभदायक है।

*त्वचा को नर्म, मुलायम बनाने के लिए भी आप इसे लगा सकते हैं।

*नहाने से 2-3 घंटे पहले इसे लगाना आदर्श है। बादाम तेल की मालिश न सिर्फ बालों के लिए अच्छी है, बल्कि मस्तिष्क के विकास में भी फायदेमंद है। सप्ताह में एक बार बादाम तेल की मालिश गुणकारी है।-Date: 3/6/2012 12:35:19 AM, Punjab Kesri

Monday 5 March 2012

कैंसर होने से रोकता है जीरा!

कैंसर को दुनिया भर में सर्वाधिक कष्टकारी रोग माना जाता है। यह शरीर के अनेक भागों में होता है। शरीर के जिस भाग में होता है, उसको खराब कर देता है। हमारे दैनिक खानपान में मसाले की श्रेणी में शामिल जीरा इस रोग में दवा का काम करता है। भोजन को पाचक बनाने वाला जीरा सेवनकत्र्ता को गैस मुक्त भी करता है। भारतीय रसोई घरों में सब्जियों में तड़का लगाने के लिए बहुतायत में प्रयोग होने वाले जीरे में कैंसर की रोकथाम करने की शक्ति है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जीरे में ‘करक्यूमिन एंजाइम’ रहता है जो कैंसर के ट्यूमर को नई रक्त शिराओं का विकास करने से रोकता है।-Date: 3/5/2012 6:46:16 AM, Punjab Kesri 

लाइलाज बीमारियों की दवा-हड़बड़ाहट छोड़ें

खाना खाते समय बस इतनी सी बात ध्यान रख लेंगे तो कभी मोटे नहीं होंगे! भागती दौड़ती दुनिया में समय की कमी के कारण हड़बड़ाहट हर क्षेत्र में देखी जा सकती है। किसी को ऑफिस पहुंचने की जल्दी है, तो किसी की ट्रेन या बस पकडऩे की जल्दी, क्या बच्चे, क्या जवान, बस हड़बड़ाहट ही हड़बड़ाहट, तनाव ही तनाव।

हमारे पूर्वजों की जीवनशैली को देखा जाय,तो उन्हें शायद इस प्रकार की हड़बड़ाहट नहीं थी, तभी तो उनकी औसत उम्र हमसे कहीं अधिक थी। ज्यादा पुरानी बात नहीं है ,आप गुजरे जमाने की ब्लैक एंड व्हाईट फिल्मों को ही देख लें ,प्रेमियों और प्रेमिकाओं के पास प्यार के तराने गाने के लिए भी फुर्सत के क्षण थे ,पर आज इस क्षेत्र में भी हड़बड़ाहट साफ देखी जा सकती है। 

इन सबका प्रभाव हमारी दिनचर्या पर पड़ता है, चाहे वो खाना हो,या ठीक ढंग से सोना। बड़े बुजुर्गों ने कहा था कि खाना हमेशा तनाव मुक्त होकर धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए, पर आज इसकी भी फुर्सत कहां। लेकिन हमारे बुजुर्गों की बातों को आज के वैज्ञानिक भी अक्षरश: दुहरा रहे हैं। धीरे-धीरे चबाकर खाने से आपके द्वारा लिए गए भोजन का संतुलित पाचन तो होता ही है, साथ ही वजन कम करने में भी मदद मिलती है। यूनिवॢसटी ऑफ रोड आईलैंड के शोधकर्ताओं के दो अध्ययन इस बात को प्रमाणित कर रहे हैं।

इस अध्ययन में यह पाया गया है , कि पुरुषों की हड़बडाहट खाने-पीने के मामलों में महिलाओं की अपेक्षा अधिक होती है, ठीक ऐसे ही मोटे लोगों की हड़बड़ाहट दुबलों की अपेक्षा खाने-पीने में अधिक पायी गयी है। यह भी देखा गया है, कि हम साबुत अनाज की अपेक्षा रीफाईंड अनाज को जल्दी खा लेते हैं। एसोसियेट प्रोफेसर आफ न्युट्रीसन केथलीन मीलेंसन एवं स्नातक छात्रा एमेली पोंटे एवं अमान्डा पोंटे का यह शोध अध्ययन ओरलेंडो में हुए ओबेसीटी सोसाइटी के सालाना कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया गया है।

Saturday 3 March 2012

विटामिन की एक गोली खाइये और त्वचा के कैंसर से बचिये!

लंदन: वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि आप त्वचा के कैंसर से बच कर रहना चाहते हैं तो रोज विटामिन की एक गोली लेने से ऐसा संभव हो सकता है। एक नये अध्ययन में यह बात सामने आई है कि रोज विटामिन ए की खुराक लेने से त्वचा के कैंसर के सबसे भीषण स्वरूप ‘मेलानोमा’ को दूर रखा जा सकता है।

डेली मेल में छपी खबर के अनुसार, विटामिन ए का प्रमुख तत्व ‘रेटिनोल’ खासतौर पर महिलाओं को इस बीमारी से बचा सकता है। हालांकि इस अध्ययन में यह भी साफ किया गया है कि इसका संबंध विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, अंडे और दूध से नहीं है।‘कैसर परमानेंट नार्दन कैलिफोर्निया डिवीजन ऑफ रिसर्च’ ने ऐसे 70 हजार लोगों का अध्ययन किया जो अपने खाने में विटामिन ए लेते थे।

इसमें पाया गया कि विटामिन ए लेने वाले लोगों को त्वचा का कैंसर होने की संभावना 60 प्रतिशत तक कम होती है। साथ ही जो लोग एक दिन में इस विटामिन की 1200 मिलीग्राम खुराक ले रहे थे उनको त्वचा के कैंसर की 74 प्रतिशत तक कम संभावना होती है।-Date: 3/2/2012 3:38:11 PM, Punjab Kesri

दही बीमारी दूर भगाए

अब वैज्ञानिक एवं शोधकत्र्ता भी दही के कायल हो गए हैं। दही में विद्यमान बैक्टीरिया हमारे लिए मित्र हैं। ये पेट की सभी बीमारियों को दूर करते हैं। इतना ही नहीं, ये हमें बी.पी., हृदय रोग आदि के खतरों से बचाते हैं। डायबिटीज, फ्लू, एलर्जी आदि बीमारियों को दूर करते हैं। ये पाचन तंत्र सही करते हैं व वजन को संतुलित रखते हैं। पसीने की दुर्गंध, मुंह की दुर्गंध, सर्दी-जुकाम आदि में भी दही का उपयोग हितकर है। दही एवं उससे बनी चीजों को अपने आहार में शामिल करें किन्तु सीमित मात्रा में खाएं।-Date: 3/3/2012 6:32:20 AM, Punjab Kesri

Thursday 1 March 2012

बी.पी. व शूगर की अनदेखी से ब्रेन अटैक

बीमारी कोई भी हो, उसके प्रति लापरवाही बरतने से सदैव बड़ा नुक्सान होने का खतरा बढ़ जाता है। बी.पी. एवं शूगर दो ऐसे रोग हैं, जिनके मरीज अब ज्यादा हैं। इनके रोगी यदि बीमारी के प्रति ढिलाई बरतते हैं तो ये बढ़कर कभी भी विपत्ति ला सकते हैं। इन दोनों की अनदेखी से मस्तिष्क आघात अर्थात ब्रेन अटैक, ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बना रहता है।

यह दो तरह का होता है। नसें फट जाती हैं या नसों में रक्तस्राव होता है। हार्ट अटैक के बाद ब्रेन अटैक मृत्यु एवं विकलांग होने का बड़ा कारण माना जाता है। गुर्दे की बीमारी, चर्बीयुक्त भोजन, धूम्रपान, मदिरापान से ब्रेन अटैक की आशंका एवं खतरा बढ़ता है।-Date: 1/3/2012 4:16:20 AM, Punjab Kesri