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Wednesday 24 October 2012

बुद्धिमान भी होते हैं सुंदर लोग!

शोधकर्ताओं ने अध्ययन में नतीजा निकाला कि जब पुरुष किसी सुंदर स्त्री से मिलते हैं तो वे उसके प्रभाव में आ जाते हैं, जबकि स्त्री किसी पुरुष से मिलती है तो उसका ध्यान सुंदरता के अलावा अन्य बातों पर भी जाता है, लिहाजा वह बहुत प्रभावित नहीं होती।

नोबल पुरस्कार प्राप्त और ब्लैक कॉमेडी के लिए चर्चित साहित्यकार जॉर्ज बर्नार्ड शॉ के सामने किसी खूबसूरत अभिनेत्री ने शादी का प्रस्ताव रखते हुए कहा, अगर वे शादी कर लें तो बच्चे उसकी तरह खूबसूरत होंगे और जॉर्ज की तरह विद्वान भी। जॉर्ज ने मुसकराते हुए जवाब दिया, अगर इसका उल्टा हो गया तो?

दरअसल शॉ के समय में वह शोध नहीं हुआ था, जिसकी चर्चा हम यहां करने वाले हैं। खूबसूरती और दिमाग का मेल नहीं होता..अब तक तो यही माना जाता रहा है। लेकिन अब एक ताजा शोध में कहा जा रहा है कि सुंदर लोग तेज-तर्रार भी होते हैं। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स द्वारा कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक सुंदर स्त्री-पुरुष तेज दिमाग वाले होते हैं और उनका आइक्यू स्तर भी औसत से 14 पॉइंट अधिक होता है। ब्रिटेन में हुए इस अध्ययन के अनुसार सुंदर पुरुषों का आइक्यू स्तर औसत से 13 पॉइंट अधिक और सुंदर स्त्रियों का 11 पॉइंट अधिक होता है।

दिल्ली की मनोवैज्ञानिक डॉ. अनु गोयल कहती हैं, शोध कई आधारों पर किए जाते हैं। उसके नतीजे वैज्ञानिक, सामाजिक और व्यावहारिक आधार पर निकाले जाते हैं। वास्तविक जीवन में ज्यादातर यह देखा गया है कि योग्य लोग सामान्य शक्ल-सूरत वाले होते हैं। सच यह है कि आइक्यू प्रकृति प्रदत्त होता है। उसे बनाया नहीं जा सकता, लेकिन उसे निखारा जा सकता है। योग्यता, ज्ञान, आईक्यू को अभ्यास से विकसित किया जा सकता है।

सौंदर्य का विज्ञान

एक शोध में यह भी पाया गया कि पीढी दर पीढी स्त्रियों की खूबसूरती निखर रही है, जबकि पुरुषों में इस विकास की रफ्तार धीमी है। हेलसिंकी विश्वविद्यालय में हुए इस शोध के मुताबिक सुंदर स्त्रियों की प्रजनन क्षमता भी अधिक होती है। इससे पहले लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में हुए एक शोध में पाया गया था कि सुंदर स्त्रियों में इस बात की संभावना अधिक होती है कि उनकी संतान में कन्या शिशु की संख्या ज्यादा हो।

पुरुषों का सौंदर्यबोध

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि सुंदरता को लेकर स्त्री-पुरुष की सोच अलग होती है। स्त्री के लिए सुंदरता से अधिक महत्व इस बात का होता है कि उसका साथी उसे कितनी सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इसके अलावा बीमारी, गर्भावस्था या जीवन के कुछ नाजुक लमहों में वह उसका कितना खयाल रख सकता है। वहीं पुरुष के लिए सामान्य तौर पर सुंदरता ही अधिक मायने रखती है।

नीदरलैंड विश्वविद्यालय में हुआ एक सर्वे यह भी बताता है कि खूबसूरत स्त्रियों से बातचीत करते समय पुरुष बाकी बातें भूल जाते हैं। जबकि स्त्रियों को पुरुषों की सुंदरता इस तरह प्रभावित नहीं करती।

यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिकों ने कुछ छात्रों पर यह प्रयोग किया। उन्हें एक मेमरी टेस्ट करने को दिया गया। इसके बाद उन्हें सात मिनट तक किसी स्त्री से बातें करने को कहा गया। सात मिनट बाद एक बार फिर उन्हें टेस्ट में दिए गए तथ्य दोहराने को कहा गया तो ज्यादातर छात्रों का प्रदर्शन खराब रहा, जबकि छात्राओं ने ऐसी स्थिति में तुलनात्मक रूप से बेहतर प्रदर्शन किया। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में नतीजा निकाला कि जब पुरुष किसी सुंदर स्त्री से मिलते हैं तो वे उसके प्रभाव में आ जाते हैं, जबकि स्त्री किसी पुरुष से मिलती है तो उसका ध्यान सुंदरता के अलावा अन्य बातों पर भी जाता है, लिहाजा वह बहुत प्रभावित नहीं होती।

सुंदरता है बाधक भी

भले ही सुंदर स्त्रियां सभी को आकर्षित करती हों, लेकिन एक कडवा सच यह भी है कि ऐसी स्त्रियां कार्यस्थल में भेदभाव की शिकार होती हैं। यू.के. में हुए एक शोध के मुताबिक इंजीनियर्स, निर्माण कार्य, वित्त क्षेत्र, सुरक्षा के अलावा शोध व विकास संबंधी क्षेत्रों में सुंदरता दरअसल स्त्रियों के लिए बाधक ही साबित होती है। यूसी डेनवर बिजनेस स्कूल की सहायक प्रोफेसर स्टीफन जॉनसन के अनुसार, पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने में स्त्रियों को काफी परेशानी व चुनौती का सामना करना पडता है। वह आगे कहती हैं, लेकिन इससे स्त्रियों को दुखी नहीं होना चाहिए, क्योंकि अन्य क्षेत्रों में उन्हें प्राथमिकता भी दी जाती है। कुछ खास क्षेत्र तो उन्हीं के लिए सुरक्षित समझे जाते हैं। वैसे सामान्य जीवन में पाया गया है कि सुंदर व प्रभावशाली लोग नौकरियों में भी महत्वपूर्ण पद हासिल करते हैं।
सखी फीचर्स
स्त्रोत : जागरण!